A Simple Key For shiv chalisa lyrics Unveiled

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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।

धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

शिव चालीसा करने से भगवान शिव आप में उन सभी गुणों को भर देते हैं जो कि आप को सफल बनाने के लिए आवश्यक है इसीलिए शिव चालीसा का पाठ करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी तथा सभी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

अर्थ- हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

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